Sai ve Sadi Fariyad Lyrics & Tabs by Satinder Sartaj

Sai ve Sadi Fariyad

guitar chords lyrics

Satinder Sartaj

Album : Compilation punjabi PlayStop

कोई अली आखे कोई वली आखे, कोई कहे दाता सचे मालिका नु ।
मेनू समज न आवे की नाम देवा, एस गोल चकी दिया चालका नु ॥
रूह दा असल मालिक ओही मानिये जी, जिदा नाम लईए ता सरुर होवे ।

अखा खुलिया नू महबूब दिस्से, अखा बंद होवण ता हुजुर होवे ॥
कोई सौन वेले कोई नहान वेले, कोई गौण वेले तैनू याद करदा ।
एक नजर तू मेहर दी मार साईं, सरताज वी खड़ा फरयाद करदा ॥
साईं वे साढी फरियाद तेरे ताहि, साईं वे बह्हो फ़ढ़ बेड़ा बन्ने लाई ।
साईं वे मेरेआं गुनाहा नु लुकाई, साईं वे हाजरा हजूर वे तू आई ॥
साईं वे साढी फरियाद तेरे ताहि, साईं वे बह्हो फ़ढ़ बेड़ा बन्ने लाई ।
साईं वे मेरेआं गुनाहा नु लुकाई, साईं वे हाजरा हजूर वे तू आई ॥
साईं वे फेरा मस्कीना वाल पाई, साईं वे बोल काक सारा दे पुगई ।
साईं वे हक विच फैसले सुनाई, साईं वे हौली - हौली खामिया घटाई ।
साईं वे मेनू मेरे अन्द्रो मुकाई, साईं जे डीगिये ता फर के उठाई ।
साईं वे देखि ना भरोसे आजमाई, साईं वे औखे -सौखे रहा चो काढायीं ।
ओ साईं, कला नु वी होर चमकाई, वे सूरा नु बिठा दे थो - थाई ।

साईं वे मेनू मेरे अन्द्रो मुकाई, साईं जे डीगिये ता फर के उठाई ।
साईं वे देखि ना भरोसे आजमाई, साईं वे औखे -सौखे रहा चो काढायीं ।
ओ साईं, कला नु वी होर चमकाई, वे सूरा नु बिठा दे थो - थाई ।
साईं वे ताल विच तुरना सिखाई, साईं वे साज रूस गए ता मनाई ।
साईं वे ऐहना नाल आवाज़ वे रालायी, साईं वे अखरा दा मेल तू कराइ ।
साईं वे कन्नी किसे गीत दी फडाई, साईं वे शब्दा दा साथ वी निभाई ।
साईं वे नगमे नू फड़ के जगाई, साईं वे शायरी च असर वखायीं ।
साईं वे ज़ज्बे दी वाले नु वडाई, साईं वे गुट-गुट सब नु पेआयीं ।
साईं वे इश्कुए दा नशा वी चाडायीं, साईं वे सैर तू ख्यालां नू कराई ।
साईं वे तारेआं दे देश ली के जावीं, साईं वे फुफिया दे वांगरा नचाई ।
साईं वे असी सज बैठे चाईं-चाईं, साईं वे थोड़ी बौती अदा वी सिखाई ।
साईं वे मेरे नाल- नाल तू वे गायीं ।
साईं वे साईं लाज सरताज दी बचाई, साईं वे भुलेये नू ऊँगली फराई ।
साईं वे अग्गे हो के राह रोषनयी, साईं वे नेहरा विच पल्ले ना छुडायीं ।
साईं वे जिंदगी दे भोज नु चुकाई, साईं वे फिखारा नु हवा च उढाई ।
साईं वे सारे लगे दाग वी धोअई, साईं वे सिले-सिले नैना नु सुखाई ।
साईं वे दिला दे गुलाब महकाई, साईं वे बस पट्टी प्यार दी पढ़ाईं ।
साईं वे पाक साफ़ रहा नु मलाई, साईं वे बच्चेआ दे वंगु समझाईं ।
साईं वे माड़े कामो घूर के हटाई, साईं वे खोटेया नु खरे च मिलाई ।
साईं वे लोहे नाल पारस कसाई, साईं वे मेहेंता दे मूल वे पवाई ।
ओ साईं वे मारेया दी मंदी न विखाई, साईं वे देखि हून देर न लगाई ।
साईं वे दारां ते खरे हा खैर पाई, साईं वे महरा वाले मीह वि वरसाई ।
साईं वे अकला दे घड़े नु पराई, साईं वे घुम्बद गरूर दे गिराई ।
साईं वे आग वंगु हौसले पखाई, साईं वे अम्बरा तोह सोच मंगवाई ।
साईं वे अपे वाज़ मार के बुलाई, साईं वे हुन सानु कोल वे बिठाई ।
साईं वे अपने ही रंग च रंगाई, साईं वे मैं हर वेहले करां साईं साईं ।
साईं वे तोते वांगु बोल वी रटाई, साईं वे आत्मा दा दीवा वी जगाई ।
साईं वे अनहद नाद तू वजाई, साईं वे रूहानी कोई तार छेड़ जाईं ।
साईं वे सच्ची सरताज वी बनाई ।।

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